उठो द्रोपदी बनो वीरांगना, खुद शक्ति का सँचार करो, कोमल चूड़ी वाले हाथों से, दुष्ट दुशा उठो द्रोपदी बनो वीरांगना, खुद शक्ति का सँचार करो, कोमल चूड़ी वाले हाथों से, द...
यह कविता उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमें वर्षों की गुलामी से मुक्त... यह कविता उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमें वर्षो...
सभी संभव संभावनाओं के मध्य एक छोटा शब्द ! संदेह , शक , और उससे उत्पन्न अंजाम! प्र सभी संभव संभावनाओं के मध्य एक छोटा शब्द ! संदेह , शक , और उससे उत्प...
शहीदों की याद में शहीदों की याद में
हमारे देश के सैनिकों कुछ ऐसा काम करो... हमारे देश के सैनिकों कुछ ऐसा काम करो...
ए दोस्त। क्यों रूठा है तू??? मेरी दोस्ती को आजमा के तो देख। ए दोस्त। क्यों रूठा है तू??? मेरी दोस्ती को आजमा के तो देख।